
नगर निगम का वाटर कनेक्शन शुल्क बढ़ाए जाने के खिलाफ पूर्व पार्षदाें ने माेर्चा खाेल दिया है। पूर्व पार्षदाें ने इस मुद्दे काे लेकर आंदाेलन करने का एलान किया है। रविवार काे पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल के आवास पर हुई बैठक में इसकी घाेषणा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि पहले कनेक्शन शुल्क बढ़ाए जाने के विराेध में डीसी काे ज्ञापन देंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री, नगर विकास विभाग और फिर राज्यपाल काे मांग पत्र दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर बढ़ा हुआ शुल्क वापस नहीं लिया गया ताे फिर सड़क पर उतर कर इसका विराेध करेंगे। बैठक में 30 से अधिक पूर्व पार्षद और प्रतिनिधि माैजूद थे। इस मामले मे मीडिया से बात करते हुए पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा कि पहले प्रति 1000 वर्गफीट पर मात्र 4000 रुपया ही कनेक्शन शुल्क था।
निगम बाेर्ड में यह रेट तय हुआ था, लेकिन अब उसे बढ़ा कर 7000 रुपया कर दिया गया है। पानी कनेक्शन शुल्क बढ़ाना ठीक नहीं है। सरकार इस पर विचार करे। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर काे सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कनेक्शन की समय सीमा 15 दिन निर्धारित किया जाना स्वागत याेग्य कदम है। लेकिन कनेक्शन शुल्क इतना बढ़ाना धनबाद के लिए सही नहीं है, क्याेंकि धनबाद नगर निगम का 70 फीसदी इलाका काेयला से प्रभावित है। लाेग प्रदूषण की मार झेेल रहे हैं। सरकार काे कनेक्शन फ्री कर देना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि जारी अधिसूचना में लाेगाें काे प्रति माह 5000 लीटर पानी मुफ्त दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है। यह भी गलत है।
एक माह में मात्र 5 हजार लीटर पानी से कैसे काम चलेगा। उन्हाेंने कहा कि अगर सरकार लाेगाें काे प्रति माह मुफ्त में पानी देना ही चाहती है ताे दिल्ली सरकार की तर्ज पर प्रत्येक परिवार को प्रति माह कम से कम 20 हजार लीटर पानी दें। उन्हाेंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में जाे भी जलापूर्ति याेजनाएं चल रही है, उसमें राज्य सरकार का एक पैसा नहीं लगा है। जेएनएनयूआरएम, अम्रुत, डीएमएफटी और बाजार शुल्क की राशि से याेजना का काम हाे रहा है। ऐसे में कनेक्शन चार्ज बढ़ाना गलत है। सरकार कनेक्शन शुल्क बढ़ाने का निर्णय वापस ले।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
https://ift.tt/3bq4dth
from Dainik Bhaskar
Post a Comment
Post a Comment